दुल्लहपुर। आदर्श गांव देवा में समाजसेवी बोधा जयसवाल की शिकायत पर शुक्रवार की देर शाम को पहुंचे एडीपीआरओ बृजेश कुमार ने गांव में शौचालय के निर्माण में हुई हेराफेरी विकास कार्य के धन के लूट खसोट आदि की जांच की जांच में आदर्श गांव में प्रस्तावित कुल 218 शौचालयों में से मौके पर सिर्फ 143 शौचालय ही धरातल पर मिले सिर्फ 75 का अता-पता नहीं था देर शाम तक चली जांच में खास बातें मिली कि जिन लोगों के नाम शौचालय निर्माण में प्रस्तावित है उनके शौचालय बने ही नहीं और जिनके जिनके नाम सूची में नहीं थे उनके नाम पर शौचालय निर्माण दिखाया गया है।
एडीपीआरओ ने बड़ी गहनता से पूरे गांव में घूमकर पूरे प्रकरण की जांच की और जानकारी ली जांच करने आए एडीपीआरओ ने कहा कि शौचालय निर्माण में घोर अनिमियता बरती गयी है।
इसकी रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौंप दी जाएगी इसके बाद कार्यवाही की जाएगी इधर जांच के दौरान पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है।
इससे पूर्व 7 अगस्त 2020 को डीपीआरओ महोदय अनिल सिंह के द्वारा शौचालय की जांच कराई गई थी जिसमें 103 शौचालय आधा अधूरा मिला था 110 शौचालय धरातल पर दिखाई नहीं दिए थे।
जिससे सामाजिक कार्यकर्ता बोधा जयसवाल आहत होकर 7 सितंबर 2020 को जिला अधिकारी महोदय एवं सीडीओ गाजीपुर के यहाँ आपत्ति पता दाखिल किया।
जाच न होने के कारण समाजसेवी ने 2 अक्टुबर 2020 को आमरण अनशन का आयोजन किया गया था।
उप जिलाधिकारी महोदय जखनियां उनकी अध्यक्षता में
श्रीमान जिलाधिकारी महोदय के सम्मान में परसतावि आमरण अनशन वापस लिया गया।
उप जिला अधिकारी महोदय जखनिया के लिखित पत्रों पर पूरी जांच करवाने का जिम्मेदारी लिए।
इन्हीं कामों में जांच करवाई गई जिसमें घोर अनिमियता पायी गयी है।
समाजसेवी बोधा जयसवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से 3 दिसंबर 2020 को विकलांग दिवस के उपलक्ष में स्वामी सहजानंद देवा के प्रांगण में आमरण अनशन का आयोजन किया गया है।
यदि 30 नवंबर 2020 तक सभी बिंदुओं का जांच करके कार्यवाही नहीं की गई तो समाजसेवी बोधा जयसवाल 3 दिसंबर 2020 को आमरण अनशन व आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे।
समाजसेवी बोधा जयसवाल का कहना है कि सरकार के मंशा के अनुरूप ही यह भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ी जा रही है आखिर कब तक होगा
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