पंचायत चुनाव आरक्षण प्रक्रिया पर 15 तक रोक
आधार वर्ष के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने सरकार व पक्षकारों से मांगा जवाब
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को प्रदेश के तिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण और आवंटन को अंतिम रूप देने पर 15 मार्च तक रोक लगा दी है👉
कोर्ट ने राज्य सरकार समेत सभी पक्षकारों को निर्देश दिया कि पंचायत चुनाव संबंधी वर्ष 1999 के नियम 4 के तहत सीटों पर दिए जाने वाले आरक्षण को 15 मार्च तक अंतिम रूप नहीं देंगे:
अदालत ने आधार वर्ष का मुद्दा उठाने वाली याचिका पर सरकार समेत अन्य को पक्ष पेश करने को 1 दिन का समय दिया है साथ ही अगली सुनवाई 15 मार्च को नियत की है न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी ने न्यायमूर्ति मनीष मथुर की खंडपीठ ने यह आदेश अजय कुमार की याचिका पर दिया है!
याची ने पंचायत चुनाव में दिए जाने वाले आरक्षण संबंधी 11 फरवरी 2021 के शासनादेश को कोर्ट में चुनौती देकर कहा कि 1999 के नियमों के तहत आरक्षण दिया जाना है जिसका नियम 4 रोटेशनल आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान करता है
इसके तहत सीटों का आरक्षण 1995 को आधार वषोॅ मानकर किया गया था इसके बाद 16 सितंबर 2015 को जारी शाशन देश में जिला क्षेत्र ग्राम पंचायतों की भौगोलिक सीमाओं में बदलाव की बात कहते हुए 2015 को आधार वर्ष मानने की जरूरत बताई गई ऐसे में सीटों के आरक्षण के लिए 1995 को आधार वर्ष मानने का कोई कारण नहीं है
आरक्षण का वर्तमान स्वरूप गलत
याची का कहना था कि 2015 के शासनादेश की अनदेखी कर मौजूदा चुनाव में आधार वर्ष 1995 के तहत की सीटें आरक्षित की जा रही है!
इस कानून की मनसा के खिलाफ है कोर्ट ने याची की इस दलील पर पक्ष पेश करने के लिए सरकार वह पक्षकारोंं को 1 दिन का समय दिया!
चुनाव टलने के आसर नहीं
हाई कोर्ट पूर्व में ही 30 अप्रैल तक ग्राम पंचायत व 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य व बीडीसी के चुनाव कराने की डेटलाइन तय कर चुका है
इसी के मध्य नजर आरक्षण प्रक्रिया जारी है जिस पर रोक लगी है
अब यदि कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट हुआ तो प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी यदि प्रक्रिया दोषपूर्ण मानी गई तो इसमें संशोधन कर आगे की कार्यवाही करनी होगी
ऐसे में चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी और चुनाव टलने का कोई असर नहीं है
कार्यवाही को अंतिम रूप देने पर शासन ने भी लगाई रोक
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को पत्र भेजा है पत्र के माध्यम से उन्होंने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए शासन के अग्रिम आदेशों तक पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण व आवंटन की कार्यवाही को अंतिम रूप न देने को कहा है
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