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जनपद मुख्यालय पर स्थित एम ए एच इंटर कॉलेज के प्रांगण में अज़ीमुश्शान तरही शेरी नशिस्त

 जनपद मुख्यालय पर स्थित एम ए एच इंटर कॉलेज के प्रांगण में अज़ीमुश्शान तरही शेरी नशिस्त 

By.खान अहमद जावेद

उत्तर प्रदेश जनपद गाजीपुरl







बज़्म-ए-अदब गाजीपुर की जानिब से एक अज़ीमुश्शान तरही शेरी नशिस्त का आयोजन एम ए एच इंटर कॉलेज गाजीपुर के सर सय्यद हाल में आयोजित किया गया जिसमे तरह दी गई थी ।

(उसने तो सारे तीर हवा में चलाए हैं)


जिसमे गाजीपुर के चुनिंदा शायर और कवि ने

भाग लिया lकार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अनंत देव पांडे ने की ।

और कार्यक्रम का संचालन मशहूर-ओ-मारूफ़ शायर बादशाह राही ने किया l

जिसमें मुख्य अतिथि कदर पारवी और आफाक गाजीपुरी रहेl कार्यक्रम का प्रारंभ अख्तर कुरैशी ने अपने मख़सूस अंदाज़ में नाते पाक से कियाl इस कार्यक्रम की ख़ास बात यह रही के सभी शायर और कवि ने जो मिसरा दिया गया था उसी मिसरे पर सभी ने अपना कलाम पेश किया ।


उपस्थित सभी शायरों का एक एक शेर प्रस्तुत है ।


हमने तो सारे दीप वफा के जलाए हैं 

फिर भी ना जाने लोग हमें क्यों सताए हैं 

आफाक गाजीपुरी 


बादल की तरह हिंद में जो लोग छाए हैं 

वो भी हमारी बजम में तशरीफ लाए हैं 

बादशाह राही 


हाथों में अपने सब्र का सिक्का लिए हुए

कुछ लोग तशनगी के समुंदर में आए हैं

कदर पारवी


पकड़े गए जो घर पे अचानक तेरे कभी

दो चार लात हम तेरे पापा से खाए हैं

हंटर गाजीपुरी


वह इस तरह से कल्ब-ओ-जिगर में समाए हैं

जैसे के आईने में ही वह घर बनाए हैं

अख्तर कुरैशी


सैलाब आंसुओं के जो आरिज पर आए हैं

हमने शबे फ़िराक़ में दरिया बहाए हैं

अहमद अजीज


बच्चों की भूख प्यास ने यह दिन दिखाए हैं

कुछ भी नहीं मिला तो अना बेच आए हैं

खालिद गाजीपुरी


जो हो सके न हल अभी दुनिया के सवालात

हम नज़्म में उन्हीं के जवाबात लाए हैं

युसूफ कमर


गमे जिंदगी में ऐसे मरे दिल पर छाए हैं

जबरन भी-कभी तो यूं ही मुस्कुराए हैं

साथी गाजीपुरी


किसने कहा हमारे कदम लड़खड़ाए हैं

अशआर हम तरह पे यहां लेकर आए हैं

मिसाल गाजीपुरी


पलकों पर अपनी अश्कों की सौगात लाए हैं

जो गम मिला है उसको गले से लगाए हैं

अख्तर कलीम


सभी शायरों ने मिसरे तरह पर अपना कलाम ख़ूब सुनाया और आखिर में नशिस्त की सदारत कर रहे वरिष्ठ कवि अनन्त देव पांडे जी ने भी अपना कलाम सुनाया और साथ ही कार्यक्रम के समापन का ऐलान करते हुए यह कहा कि अगली तरही नशिस्त अगले महीने में होगी तारीख और स्थान का ऐलान बाद में होगा 


कार्यक्रम के आखिर में

बज़्म-ए-अदब के संस्थापक बादशाह राही और हंटर ग़ाज़ीपुरी ने आये हुए सभी शायर और कवि का आभार ब्यक्त किया

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