खौफ के माहौल में ग्राम प्रधानी का इलेक्शन
चौबेपुर थाना अंतर्गत पूरनपट्टी (वाराणसी )में ग्राम प्रधान का सीट सामान्य होने के नाते ग्राम प्रधान का इलेक्शन कुछ ज्यादा ही रोचक हो गया। सामंती सोच वाले नहीं चाहते है कि बैकवर्ड क्लास का कोई इंसान गा़म प्रधान बने ।इस बात को लेकर गांव में अपने पक्ष में वोट लेने के लिए तरह-तरह के हथकन्डे अपनाये जाते है।व वोटरों को लुभाए जाते हैं ।
बताया जाता है कि मतदान 19 अप्रैल को पूरनपट्टी बूथ संख्या 93 पर शुरू हुआ । मतदान शुरू होते ही बीच-बीच में फर्जी ओटो को लेकर एजेंटों में तनातनी भी रही। लेकिन प्रशासन उनके सामने पंगु बना ।आदतन शाम चार बजते- बजते सामंत वादियो ने फर्जी वोट डालना शुरू किया । गरीब मतदाताओं को गली में खींच कर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए डराना धमकाना रिझाना शुरू किया ।
इस बात का कुछ लोगों ने विरोध किया । तो पूरनपट्टी गांव के पूर्व ग्राम प्रधान राजेश उपाध्याय उनके छोटे भाई योगेश उपाध्याय भतीजा मयंक उपाध्याय सीधे तौर पर लोगों को गाली गुप्ता देते हुए धक्का-मुक्की मारपीट पर उतारू हो गए ।जिससे हंगामा की स्थिति बनी रही, और वोट भी प्रभावित रहा
किसी ने डायल हंड्रेड को सुचना दे दिया। मौके पर पुलिस आई लेकिन कुछ बात बनी नही ।
गुंडई पर उतारू पूर्व प्रधान राजेश उपाध्याय व उनके गुर्गे मानने को तैयार नहीं थे। अपने पक्ष में वोट लेने के लिए बार-बार अप्रत्याशित प्रयास करते रहे । जिससे तंग आकर गांव के ही सोशल एक्टिविस्ट ने इलेक्शन कमिशन को सूचना दे दिया ।
कमीशन के आदेश पर बूथ नं 93 पर सेक्टर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार पांडेय एवं सीओ मौके दल बल के सिथ पहुंचे ।पुलिस ने लाठी भाजकर लोगों को दूर तक खदेड़ा ।उसके बाद एक टुकडी़ पीएसी लगाकर मतदान चलता रहा ।मतदान होने के बाद मतपेटी जब सील हो गई ।और पीठासीन अधिकारी मत बेटी लेकर गंतव्य को रवाना हो गये तब जाकर गांव में शांति का माहौल बना ।अब गरीब बेसहारा पिछड़ी अनुसूचित जाति के लोगों को पूर्व प्रधान राजेश उपाध्याय का खौफ सता रहा है कि आगे कोई अनहोनी ना हो। क्योंकि उन्होंने खुलेआम लोगो को धमकीयां और जाति सूचक शब्दो का इस्तेमाल कर डाला है ।
पूर्व प्रधान राजेश उपाध्याय के भाई जोगेश उपाध्याय का तो पुलिस ने बीडियो भी बनवाया है, और चेतावनी भी दे दिया है कि गांव में यदि वोटरों को कुछ होता है तो तुम्हारे ऊपर गुंडा एक्ट लगा दिया जाएगा। अब आगे देखिए क्या होता है। गांव में खौफ का माहौल कायम है। गांव के ही बड़े बुजुर्गों ने नाम न बताने की शर्त पर दबी आवाज से बोले कि ऐसा तो इलेक्शन ही नहीं हुआ। गांव वाले इलेक्शन कमिशन के बहुत-बहुत आभारी है।
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