ईश्वर का खेल कितनााा निराला है
जिसने उस अभागन मां को बेटी तो दिया लेकिन मां की ममता गुल्लू चौधरी मल्लाह को बख्श दी।
एक ओर पत्थर दिल मा है जिसने उस बच्ची को गंगा में बहा दिया ओर दूसरी ओर मल्लाह की ममता।
जिसने उस बच्ची को अपना लिया गुल्लू के घर पहुंचे डीएम उसे आवास लाइट राशन कार्ड वह कोई भी जरूरत की सुविधा मांगने के लिए कह रहे थे लेकिन गुल्लू बार-बार केवल उस बच्ची को ही मांग रहे थे ।
बोले साहब हमें उस बच्ची को दे दीजिए उसे बेटी की तरह पालना चाहता हूं मुझे मां गंगा ने उस बेटी के रूप में आशीर्वाद दिया है उसे मुझसे अलग मत कीजिए जरा उस बेटी की किस्मत तो देखिए जिसने एक तो मां की कोख से जन्म तो लिया लेकिन मां की जगह उसे गंगा की गोद नसीब नहीं हुई माने आम से खास बना दिया।
गुल्लू को उनकी सराहना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं।
बुधवार को उनके घर में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा गुल्लू का भरा पूरा परिवार है पत्नी शीला के अलावा दो बेटे सूरज व आदित्य के साथ एक बेटी उर्मिला है।
बेटी सबसे बड़ी है और गुल्लू उसका विवाह करने की तैयारी कर रहे हैं उनके साथ मां राजमणि देवी के साथ छोटा भाई रांझा चौधरी का भी परिवार रहता है उनके संयुक्त परिवार में एक ही चूल्हा जलता है चार कमरे का पक्का मकान एकदम गंगा की कसर पर है बाढ़ आती है तो पानी उनके घर की चौखट तक पहुंच जाता है कभी कभी घर भी छोड़ना पड़ता है।
अमित गुप्ता की रिपोर्ट
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