मां बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे महिलाओं के लिए सबसे पहले कर ठहरने के लक्षण जाने की आवश्यकता होती है।
और गर्भवती होने का सबसे पहला कदम उपयुक्त समय पर सेक्स करना होता है।
ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपके गर्भधारण करने की अधिक से अधिक संभावना हो
रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि एक औसतन गर्भ धारण करने से पहले लगभग 78 बार सेक्स करने की आवश्यकता होती है।
जिसका मतलब लगभग 6 महीने की समय हो सकता है,गर्भवती होने के लिए आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी बॉडी किस प्रकार से काम करती है,
फिर चाहे वह आपका पीरियड साइकिल हो या फिर उन दिनों के बारे में जानना हो,
जिस समय आपके बॉडी सबसे अधिक फर्टाइल अवस्था में होती है, गर्भधारण करने के लिए दो बातों का सबसे अधिक ध्यान रखना जरूरी होता है, पहला कि आप अपने पीरियड साइकिल का सही-सही हिसाब रखें, इसके लिए आप चाहे तो कैलेंडर में मार्क करने का बहुत पुराना तरीका भी प्रयोग कर सकती हैं।
या आजकल के आधुनिक जमाने में बहुत से एप्स का भी प्रयोग कर सकती हैं,जो आपके पीरियड साइकिल को ट्रैक करने और उनका सही-सही हिसाब रखने के लिए आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं।
दूसरी सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि गर्भधारण के लिए सेक्स करने का सबसे सही समय कौन सा होना चाहिए।
ऐसा देखा गया है कि प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण सभी महिलाओं में एक जैसे नहीं होते हैं, एक गर्भावती को जो गर्भ ठहरने पर लक्षण महसूस होते हैं, वह जरूरी नहीं कि दूसरी गर्भवती को भी महसूस हो।
किन चीजों से महिलाओं में गर्भवती होने की संभावनाएं बढ़ जाते हैं? यह सुनिश्चित अवश्य करें कि आप और आपके पति आपके गर्भधारण के लिए पूरी तरह से मानसिक और शारीरिक तरह से फिट है,
इसके साथ ही नियम में रूप से असुरक्षित प्रेम संबंध बनाना सबसे महत्वपूर्ण है।
सप्ताह में एक बार सेक्स करना पर्याप्त नहीं होगा ऐसे लगभग हर दूसरे या तीसरे दिन सेक्स करने की कोशिश करें।
गर्भवती होने की संभावना बढ़ाने के लिए ओव्यूलेशन के एकदम सही समय का पता होना और उस समय सेक्स करना, जल्दी गर्भधारण में मदद प्रदान कर सकता है,
आपके गर्भवती होने की संभावना आपके पीरियड चक्र के उन दिनों में ज्यादा होती है जब आप बहुत फाइटर होते हैं।।
यदि आप हर दूसरे या तीसरे दिन सेक्स करें तो भी गर्भवती होने की संभावना उतनी ही रहती है जितनी आप के उपयोग लेशन के दिनों में,
आप अपने शरीर में होने वाले बदलाव को खुद से भी महसूस कर सकती हैं जो संकेत देते हैं कि आप इस समय अधिक फाइटल है।
जैसे कि सर्वाइकल म्यूकस का बढ़ जाना आदि ऐसे दिनों में आपको प्रयास करना चाहिए कि आप कम से कम एक या दो बार सेक्स कर सके।
सामान्यता प्रजनन विशेषज्ञ से सलाह ले कि गर्भवती होने के लिए कौन से सेक्स स्थिति बेहतर रहेगी कई धारणाएं इस बात की ओर इशारा करती है कि गर्भधारण करने के लिए कुछ विशेष सेक्स स्थितियां बेहतर साबित होती हैं।
गर्भवती होने के लिए सेक्स करने का सही समय क्या होना चाहिए।
यह तो हर कोई जानता है कि संतान उत्पन्न करने के लिए सेक्स की जरूरत होती है परंतु अभी लगभग 60 फ़ीसदी से भी अधिक लोगों को यह नहीं पता है कि संतान उत्पत्ति के लिए सेक्स करने का सबसे किस समय के दौरान सेक्स करने से महिला गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है अधिकांश लड़कियों को शादी के बाद यह बात सही से नहीं पता होती है कि मासिक धर्म के कितने दिन बाद उनके गर्भवती होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
आइए आपको बताते हैं कि अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो कब सेक्स करना आपके लिए बेहतर होगा-
अधिकांश महिलाओं का मासिक धर्म 28_35 दिन का होता है यदि किसी महिला का मासिक धर्म एक तारीख आया और लगभग 5 तारीख को खत्म हो गया तो ऐसे में आपको 1 तारीख अपने डायरी में नोट कर लेना चाहिए और अगले पीरियड की तारीख का इंतजार करें मान लीजिए आपका गला पीरियड 1 तारीख को आया और आप फिर से यह तारीख अपनी डायरी में नोट कर लें इस गणित के अनुसार आपका पीरियड का अंतराल 30 दिनों का होना चाहिए,अब 30 दिन के आधे दिन के हिसाब से 15 दिन के आसपास अगर आप सेक्स करेंगे तो गर्भवती होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाएगी इसका कारण यह आप हैं कि 15 तारीख के आसपास आपकी ओवरी से एक अंडा निकलता है जिसका जीवन है 24 घंटे होता है इस 24 घंटे में पुरुष का स्मारक आप के अंडे के संपर्क में आया तो उस स्मारक के अंडे मैं प्रवेश करने की पूरी आशंका होती है और आप गर्भवती हो सकती हैं।
ऐसे में यह बिल्कुल जरूरी नहीं कि आप अगर 15 दिन ही सेक्स करें तभी आप गर्भवती हो सकती हैं अगर आप 93 या 14 दिन में सेक्स करेंगी तो गर्भवती होने की संभावना अधिक हो सकती है। इसकेे अलावा सो रहा है या 17 वें दिन भी सेक्स करना आपको गर्भवती बना सकता है इस बात को ऐसे समझते हैं मानी थी आपने 13 या14 सेक्स किया तो ऐसेे में स्मार्ट अंडे में प्रवेश कर सकता है और आप गर्भवती हो सकती हैं।
मान लीजिए यदि अंडा 15 को निकला तो ऐसे में वह 24 घंटे जिंदा रहेगा और ऐसे में यदि 16 या 17 दिन सेक्स किया गया तो भी गर्भवती होने की पूरी उम्मीद हो सकती है मतलब बीच के 5 दिन में गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना रहती है इसलिए यदि आप शिशु को जन्म देने के बारे में सोच रही है तो इन 5 दिनों में या तो रोजाना एक दूसरे दिन सेक्स करने का अवश्य प्रयास करें पीरियड खत्म होने के लगभग 10 दिन पहले 10 दिन बाद तक आप बिना कंडोम का प्रयोग किया सेक्स कर सकते हैं क्योंकि इस दौरान आप के गर्भवती होने की संभावना बहुत ही कम होती है।
नोट आता यह बात तो यह है कि प्रेगनेंसी प्लान करने के लिए महिला को अपने ओवुलेशन का सही समय पता होना चाहिए इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप को यह ज्ञात होना चाहिए कि आपके मासिक धर्म का कैलेंडर क्या है हर महिला के मासिक धर्म की साइकिल 24 से 40 दिन के बीच होती है यदि आपको पता है कि आपका अगला मासिक धर्म कब आने वाला है तो उस डेट से 12 से 15 दिन पहले की डेट पता होने पर आप अपनी ओलेसन पीरियड को जान सकते हैं इस प्रकार इस दौरान सेक्स करने से आप के गर्भवती होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
आव युलेशन क्या है?
ओव्यूलेशन महिलाओं के मासिक धर्म का एक हिस्सा होता है जब किसी महिला के अंडाशय से अंडे निकलते हैं तो इस प्रक्रिया को ओवुलेशन कहते हैं और उस तर्क के दौरान जब अंडे अंडाशय में बनते हैं तब यह शुक्राणुओं द्वारा निषेचित को ही सकते हैं और नहीं भी यदि एक अंडे निश्चित हो जाते हैं तो महिला के फैलोपियन ट्यूब से भ्रमण करते हुए गर्भाशय में पहुंच जाते हैं जिसके कारण महिला गर्भवती हो जाती है लेकिन जब यह अंडे निश्चित नहीं हो पाते हैं तो ऐसे में यू ट्रस्ट द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं और फिर मासिक धर्म के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं ।
ओवुलेशनके लक्षण क्या है?
महिलाओं को अपने ओवुलेशन पीरियड की जानकारी होने के साथ-साथ या भी जानना बहुत जरूरी होता है कि उनके ओवुलेशन पीरियड के समय उनके शरीर में किस प्रकार के बदलाव महसूस होते हैं बहुत सी महिलाएं जब अभी लेट करती है तो उन्हें ब्रेस्ट में दर्द और सूजन महसूस हो सकता है ओमबीर लेशन के दौरान कुछ महिलाओं में सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है गर्भ ग्रीवा का श्री लैंप एक तरह का योनि स्त्राव है जो कभी-कभी आपके पति पर भी देखा जा सकता है पीरियड्स के दौरान अधिकतर बहुत कम निकलता है और यह बहुत चिपचिपा और गाना भी होता है लेकिन ऑपरेशन के दौरान और बाद में इस राहों में वृद्धि हो जाती है इसके गाड़ी अपन में भी बदलाव आता है या चिकना और बहुत ही लचीला हो जाता है इसको आप अपने ओवुलेशन के दिनों के संकेत के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं इस दौरान कुछ महिलाओं की सूंघने की क्षमता तीव्र होती जाती है यह इस बात का संकेत है कि आपका ओवुलेशन पीरियड शुरू होने वाला है ओवुलेशन के समय कुछ महिलाओं के पेट के निचले हिस्से और लोअर बैक में हल्का दर्द शुरू हो जाता है कभी-कभी यह दर्द पेट के एक हिस्से में भी हो जा सकता है इस दौरान कुछ महिलाओं का सिर भारी और उनमें मूड स्विंग होने की संभावना हो सकती है ऑपरेशन के दौरान आपकी गर्भाशय ग्रीवा ऊपर और अधिक खुली हुई होती है यह ऑपरेशन का संकेत होता है ऑपरेशन के दौरान महिला के शरीर का तापमान अधिक बढ़ जाता है शरीर का तापमान में हल्की सी बढ़ोतरी ओवुलेशन का संकेत होती है ओवुलेशन के कुछ दिन के बाद भी तापमान में अधिकता रह सकती है ऑपरेशन के समय अधिक डिस्चार्ज होने के लक्षण विधिक सकते हैं ऐसा ओवुलेशन से ठीक पहले इस के दौरान होता है इस दौरान आपका शरीर सबसे अधिक उत्पत्ति मसक का निर्माण करता है।
ओवुलेशन प्रक्रिया क्या है?
जैसा कि हम जानते हैं कि ओवुलेशन के प्रक्रिया आम तौर पर आपके मासिक धर्म की अवधि शुरू होने के 12 दिन से चौराहे पर होती है ऐसा माना हटा है कि जब एक लड़की का जन्म होता है तब तब उस समय उसकी ओवरी में लगभग 2 करोड अंडे उपस्थित हैं जो लड़की के पीरियड शुरू होने तक लगभग 500000 तक रह जाते हैं प्रत्येक महिला के मासिक धर्म चक्र के दौरान एक अंडा विकसित और परिपक्व होता है ओवेशन पीरियड के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन उत्पन्न होता है जो आपके युटेरस की लाइनिंग को मोटाई प्रदान करता है और स्पर्म को अंदर प्रवेश करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है हार्मोन हार्मोन l.h. में वृद्धि प्रदान करता है इसमें वृद्धि के कारण ही ओवरी से परिपक्व अंडा आसानी से बाहर निकल पाता है और अंडे निकलने की प्रक्रिया ही ओवुलेशन कहलाती है।
अधिकांशतः एल एच हार्मोन में वृद्धि के 24 से 36 घंटे बाद ओवुलेशन होता है यही वजह है कि l.h. में वृद्धि होना फर्टिलिटी होने की अधिक संभावना को बढ़ा देता है अगर ऑपरेशन अवधि जानने के बाद भी गर्भधारण में समस्या होती है तो इन चीजों को जांच ना चाहिए वजन:
महिला का वजन सामान्य से कम है क्या बहुत अधिक होना भी प्रजनन क्षमता के लिए हानिकारक हो सकता है स्वस्थ शरीर के लिए बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई 18 से 24 के बीच होना चाहिए अतः यदि आप प्रेग्नेंसी की तैयारी में है तो आपको अपना बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई सामान्य रखने की कोशिश करना चाहिए कई अध्ययन से यह बात सामने आई है कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में प्लास्टिक ओवरी सिंड्रोम पीसीओएस होने की बहुत ही अधिकांश आशंका रहती है जो बांझपन एक प्रमुख कारण बन सकती है वहीं दूसरी और कम वजन होने से लेफ्ट इन हार्मोन की कमी आपकी भूख को नियंत्रित कर सकती है जिसकी वजह से आपके पीरियड्स में दिक्कत पैदा हो सकती हैं जिसकी वजह से आप की प्रजनन क्षमता हो सकती है आजकल लोग अपने फिटनेस को लेकर बहुत ही उत्साहित रहते हैं जिसके लिए नियमित रूप से जिम भी जाते हैं फिट रहना महत्वपूर्ण है लेकिन कई बार फिटनेस को लेकर बहुत अधिक ऊंचाई होना आपके लिए हानिकारक हो सकता है कई अध्ययन के अनुसार कठिन व्यायाम करना आपके मासिक चक्र को प्रभावित कर सकता है जिससे गर्भधारण में समस्या पैदा हो सकती है।
महिला का पहले से किसी बीमारी से ग्रसित होना
यदि आप किसी प्रजनन संबंधित समस्याओं से पहले से ग्रसित है तो ऐसे में अपने डॉक्टर से परामर्श लेने में देरी ना करें क्योंकि इस प्रकार की बीमारियां आप को प्रेग्नेंट होने में बाधा पहुंचा सकती है कई बार देखा गया कि क्लेम आइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संक्रमण सालों बाद भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर मधुमेह अस्थमा थायराइड मेरी जैसी बीमारियों की जांच करवाएं क्योंकि इस प्रकार की बीमारियां आपके गर्भधारण को प्रभावित कर सकती है एवं संक्रमित बीमारियों की भी जांच कराना जरूरी होता है क्योंकि प्रेग्नेंसी की बात आने पर आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होना बहुत जरूरी होता है तनाव अध्ययन के अनुसार बहुत अधिक तनाव भी गर्भधारण में समस्या उत्पन्न कर सकता है क्योंकि अधिक तनाव के कारण बहुत से हार्मोन परिवर्तन होते हैं जिसके परिणाम स्वरूप ओवुलेशन में भी बदलाव हो सकते हैं इसके अतिरिक्त और भी निम्न कारण हो सकते हैं पति और पत्नी की कोई पुरानी या लंबे समय से चल रही बीमारियां पति और पत्नी दोनों कितना नियमित संभोग करते हैं महिला की उम्र और उसकी सहेली आपके पति की उम्र आहार और उनकी जीवनशैली पति और पत्नी शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और आप काफी लंबे समय से गर्भधारण का प्रयास कर रही हैं और फिर भी असफलता हाथ लग रही है तो ऐसे में जल्द से जल्द ही में गर्भावस्था से पहले डॉक्टरी जांच पिरी प्रेगनेंसी चेकअप करवा लेना बेहतर विकल्प रहता है।
ओवुलेशन किट कैसे आपके लिए लाभकारी होता है।
यदि आपकी बहुत कोशिशों के बाद भी गर्भधारण नहीं हो पा रहा है तो आपको ओवुलेशन टेस्ट किट की मदद लेनी चाहिए ओवुलेशन प्रिडिक्टर कीट महिला के शरीर में मौजूद लुटेनाइजिंग हॉरमोन एलएच में वृद्धि का पता लगाती है।
इस हारमोंस में वृद्धि ऑब्लेशन से 36 घंटे पहले देखने को मिलती है विशेषज्ञ के अनुसार ओवुलेशन टेस्ट किट का ज्यादातर प्रयोग उन महिलाओं द्वारा होता है जो बहुत समय से कोशिश के बाद भी प्रेग्नेंट नहीं हो पा रहे हैं विशेषज्ञ के अनुसार प्रेग्नेंट होने का सबसे अच्छा तरीका ओवुलेशन किट का प्रयोग हो सकता है केरल में वृद्धि के कुछ देर बाद ही अगर आप सेक्स करते हैं तो पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडे के मिलने की संभावना 99% तक बढ़ जाती है और महिला के गर्भ धारण करने की संभावना अधिक हो जाती है।
ओवुलेशन किट क्या है ?
ओवुलेशन किट को ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट (OPK)के नाम से भी जाना जाता है।
स्किट द्वारा आप अपने मित्र में ड्यूटी जिनिंग हार्मोन में वृद्धि का पता लगा सकती है इस कीट का परीक्षण मुद्र में एल एच हार्मोन में वृद्धि के आधार पर आपके ओवुलेशन के समय को बताता है इस कीट में 2 लाइनें होती हैं 1 लाइन कंट्रोल लाइन है यह लाइन आपको बताती है कि कीट काम कर रही है और दूसरी लाइन टेस्ट लाइन है जब स्टेट लाइन का रंग कंट्रोल लाइन की तुलना में गहरा हो जाता है तब वह हार्मोन बढ़ा हुआ प्रतीत होता है यह वह समय है जब आपको गर्भवती होने के लिए सेक्स करने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए ओवुलेशन टेस्ट किट के परिणाम की जांच पॉजिटिव रिजल्ट मिलने पर ओवुलेशन टेस्ट किट पर 2 लाइनें देखने को मिलती है यदि टेस्ट लाइन कंट्रोल लाइन की तुलना में अधिक गाड़ी है तो इसका मतलब है कि आप केएलएच में वृद्धि हुई है और आप अगले 12 से 36 घंटे में ओवुलेशन करने को तैयार हो सकते हैं नेगेटिव रिजल्ट मिलने पर रिचेस्ट लाइन कंट्रोल लाइन से हल्की है तो इसका मतलब कि आप केएलएच हार्मोन में कोई वृद्धि नहीं हुई है या फिर केवल टेस्ट लाइन या फिर एक कंट्रोल लाइन ही दिख रही है इसका अर्थ यही है कि इसमें कोई बहुत वृद्धि नहीं हुई है टेस्ट की रेखा देखना आपको टेस्ट के दौरान कोई भीकंट्रोल लाइन नहीं दिखती तो इसका मतलब है कि आपके द्वारा टेस्ट गलत तरह से किया गया है ऐसे में सही प्रणाम ना मिलने पर इसे टेस्ट किट को मूत्र में 5 सेकंड के लिए डुबोकर रखें आपका 10 मिनट तक इंतजार करें इसके बाद परिणाम को ठीक से पढ़ें यदि फिर भी कोई कंट्रोल लाइन ना दिखे तो यह बिल्कुल क्लियर है कि टेस्ट असामान्य तरीके से किया गया है इसलिए इस प्रयोग की गई स्ट्रीप फेंक दें दोबारा इसका प्रयोग ना करें कमलेश अंकित कितनी सही है कई महिलाओं में ओवुलेशन टेस्ट किट को लेकर अनेकों प्रकार की संख्या दिमाग में रहती है जैसे कि इस कीट की रिजल्ट सही आएगा या नहीं आपको बता दें कि कैलेंडर और टेंपरेचर मेथड की तुलना में अधिक सही और सटीक परिणाम देती है इसकी द्वारा लगभग 99% सही आते हैं बशर्ते इसको सही तरीके से प्रयोग किया गया परंतु में इस बात की पुष्टि करना कठिन होता है कि आपका अगले दिन होगा या 2 दिन बाद होगा कुछ महिलाओं में देखा गया कि उनमें अंडे निकलने बीना ही एलएच में वृद्धि का अनुभव होता है।
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